लुधियाना, 19 जून, 2021 (न्यूज़ टीम): स्थायित्व की वैश्विक रणनीति और प्रतिबद्धताओं के अनुसार, मैक्केन ने पहली बार भारत पर केन्द्रित अपनी वैश्विक स्थायित्व रिपोर्ट जारी की है। यह वर्ष 2020 के लिये कंपनी के स्थायित्व के स्तंभों में प्रगति पर नजर रखने के लिये है। तैयार आलू उद्योग में अग्रणी होने के नाते मैक्केन फूड्स ने हमारे ग्रह के लिये हितकर भोजन बनाने का अभियान शुरू किया है। यह भोजन किसानों, समुदायों, पर्यावरण और उपभोक्ताओं के लिये स्पष्ट प्रतिबद्धताओं के साथ बनाया जाता है, ताकि उपभोक्ताओं की आने वाली पीढि़याँ बेहतरीन स्वाद वाले भोजन का आनंद ले सकें।
मैक्केन इंडिया 22 वर्षों से ज्यादा समय से अपने परिचालन में व्यवसाय की स्थायी पद्धतियों को जोड़ने के लिये प्रतिबद्ध रही है। कंपनी के सिद्धांत ‘अच्छा आचरण ही अच्छा व्यवसाय है’ के अनुसार, इंडिया चैप्टर के साथ वैश्विक स्थायित्व रिपोर्ट मैक्केन के चार फोकस एरियाज में उसकी प्रतिबद्धता और कार्यवाहियाँ दर्शाती है। यह चार क्षेत्र हैं- 1) स्मार्ट और स्थायी कृषि 2) संसाधन-क्षम परिचालन 3) अच्छा भोजन और 4) समुदायों की उन्नति।
वर्ष 2020 के लिये स्थायित्व की रिपोर्ट के लॉन्च पर, मैक्केन फूड्स में भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, दक्षिण कोरिया और ताइवान के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री विकास मित्तल ने कहा कि, “स्थायित्व के लिये हमारी प्रतिबद्धता हमारे उद्देश्य में प्रतिस्थापित है, और यह है ‘स्वादिष्ट और हमारे ग्रह के लिये हितैषी भोजन के माध्यम से असली रिश्तों का जश्न मनाना’। हमारा मानना है कि हमारे ग्रह का पलटाव करने वाला भविष्य और संरक्षण हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है। स्थायित्व हमारे व्यवसाय के केन्द्र में है और उसी ने स्थायी और जिम्मेदार तरीके से स्वादिष्ट भोजन की आपूर्ति के लिये अपने परिचालन को अनुकूल बनाने के लिये हमारा मार्गदर्शन किया है। वर्ष 2020 के लिये हमारी स्थायित्व की रिपोर्ट (विश्व और भारत के लिये) स्थायित्व से जुड़ी हमारी प्राथमिकताओं में अब तक हुए मध्यवर्तनों और प्रभाव को पारदर्शी तरीके से प्रकाश में लाने पर लक्षित है। हमारे विनम्र, लेकिन निरंतर प्रयास संयुक्त राष्ट्र के स्थायी विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुसार हैं और हमआने वाली पीढि़यों के लिये ज्यादा पलटाव करने वाले भविष्य के निर्माण हेतु ठोस प्रयास करना जारी रखेंगे।”
जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों के ज्यादा गंभीर होने के साथ, वैश्विक खाद्य प्रणाली में भी बदलाव जरूरी है। यह जरूरी इसलिये है, क्योंकि बढ़ती आबादी की भूख मिटाने का प्रकृति पर कम से कम बोझ होना चाहिये। विगत वर्षों में मैक्केन फूड ने विश्वभर में स्थायी कृषि के नये प्रतिमान सफलतापूर्वक दिये हैं और पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम भी किया है। भारत में भी, मुख्य लक्ष्य है निम्नलिखित चार स्तंभों के माध्यम से भूमि पर होने वाले प्रभाव को कम करना :
1. स्मार्ट और स्थायी कृषि : खोजपरक पद्धतियाँ, जो पानी की बचत के लिये किसानों के साथ भागीदारी कर और किसानों को पुनर्योजी कृषि जैसी विभिन्न कृषि परिचालन पद्धतियों पर शिक्षित कर कृषि संसाधन क्षमता को सुधारने पर लक्षित हैं।
2. संसाधन-क्षम परिचालन : हम प्राकृतिक संसाधनों के क्षमतावान उपयोग के माध्यम से फूड बनाते हैं, मुख्य रूप से या संसाधन हैं - ऊर्जा, पानी और संवहनीय तरीके से उगाये जाने वाले आलू। हमारा लक्ष्य कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करके कूड़ा-भराव क्षेत्र में शून्य अपशिष्ट के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करते हुए जल संसाधनों के क्षमतावान उपयोग द्वारा कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था निर्मित करने का मार्ग प्रशस्त करना है।
3. अच्छा भोजन : अपने उत्पादों की पोषकता को बढ़ाना और नए, ज्यादा स्वास्थ्यकर विकल्प देना जारी रखना।
4. समुदायों की उन्नति : अपने किसानों, समुदायों और कर्मचारियों के साथ दीर्घकालीन और भरोसेमंद रिश्ते बनाने के लिये प्रतिबद्धता। हम स्थायी आजीविका निर्मित करना और उसे प्रतिस्पर्द्धिता, पलटाव और इन समुदायों के दीर्घावधि विकास के माध्यम से बनाये रखना।
कोविड के जवाब में : इसके अलावा, जरूरतमंद और प्रभावित समुदायों की सहायता के लिये, मैक्केन ने 1,300 से ज्यादा परिवारों को जरूरी फूड आइटम्स प्रदान किये और 12,000 से ज्यादा मास्कों का वितरण किया। यह मास्क कंपनी के कम्युनिटी प्रोग्राम्स के लाभग्राहियों ने बनाये थे। मैक्केन और उसके कर्मचारियों ने राज्य और देश के राहतकोषों में 10 लाख रूपये का योगदान भी दिया था।
मुख्य अंश (2019-20) |
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स्तंभ |
प्रभाव |
स्मार्ट और संवहनीय कृषि |
· वर्ष 2030 तक मैक्केन की आलू उगाने वाली 100% जमीन पर कृषि की पुनरुत्पादक पद्धतियों का क्रियान्वयन · कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 2% कमी। पानी के इस्तेमाल की तीव्रता में 14% कमी · ग्लोबल जीएपी के अंतर्गत प्रमाणित आलू की संकुचित मात्रा 56% · कीटनाशकों के इस्तेमाल में 19% कमी |
संसाधन-क्षम परिचालन
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· कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में पूरा 50% कमी (स्कोप 1 और 2), वर्ष 2030 तक कोयले से छुटकारा और 100% नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना · कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 3% सुधार · वर्ष 2021 में 20% नवीकरण योग्य बिजली का दावा · कूड़ाक्षेत्र में केवल 3.2% अपशिष्ट, वर्ष 2019 से 1.5% ज्यादा · अप्रैल 2020 से बी2सी प्लास्टिक मटेरियल्स की 100% रिकवरी |
उत्तम खाद्य |
· सब्जियों के सोडियम में 13% कमी। स्माइल्स के सोडियम में 10% कमी · वर्ष 2025 तक पाम ऑइल को छोड़कर वैकल्पिक ऑइल्स अपनाने के लिये तैयारियाँ जारी हैं |
फलता-फूलता समुदाय |
· प्रोजेक्ट शक्ति ने अब तक 411 महिलाओं और लड़कियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है · प्रोजेक्ट उत्थान ने अपने पहले वर्ष में गुजरात में 203 लघु और सीमांत किसानों की आजीविका में सुधार किया है · 152,000 नग भोजन और 26 टन तैयार वस्तुओं का दान |