श्री राकेश भारती मित्तल, अध्यक्ष, नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट और भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष, 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह' 2021 के वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए। |
लुधियाना, 09 नवंबर, 2021(न्यूज़ टीम): भारत के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा के प्रचार के लिए 1983 में स्वर्गीय श्री सत पॉल मित्तल द्वारा स्थापित नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट ने समाज के लिए अपना अनुकरणीय योगदान देने वालों को 2021 के लिए सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह वर्चुअल रूप से ऑनलाइन आयोजित किया गया। इस समारोह की सम्मानित अतिथि डॉ. किरण बेदी ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्य्क्ष और भारती इंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष श्री राकेश भारती मित्तल भी उपस्थित थे।
यह सम्मान व्यक्तिगत और संस्थागत श्रेणियों में वर्ष 2021 के लिए सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार और सत पॉल मित्तल प्रशंसा पुरस्कार के लिए प्रदान किए गए। पुरस्कार स्वरूप विजेताओं को ₹12 लाख के नकद पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया।
'व्यक्तिगत' श्रेणी में सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 को सुश्री चंद्रकली मरकाम और श्री करीमुल हक ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया।
सुश्री चंद्रकली मरकाम का जन्म एक गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था और 11 साल की छोटी उम्र में उनकी शादी हो गई थी। अपने दृढ़ विश्वास के साथ उन्होंने अपने छोटे से स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की बचत के माध्यम से अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाला।साहस और उद्यमशीलता की मानसिकता से प्रेरित होकर, उन्होंने अपने एसएचजी संघ के कारोबार को हजारों करोड़ तक बढ़ाया और भूमिहीन परिवारों की महिलाओं को मशरूम की खेती जैसे व्यवसायों के बारे में सोचने और ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री करीमुल हक ने एम्बुलेंस की सुविधा के अभाव में अपनी माँ को खोने के दुख को, अपने गाँव में किसी को भी एम्बुलेंस की सुविधा के अभाव में पीड़ित नहीं होने देने की प्रतिज्ञा के रूप में इस्तेमाल किया। बाइक-एम्बुलेंस-दादा के रूप में लोकप्रिय, 1998 से उन्होंने 20 से अधिक गांवों में एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान की है और धालाबरी और उसके आसपास के हजारों रोगियों को मुफ्त में असपताल पहुँचाया है। वह समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित करते हैं व स्थानीय डॉक्टरों द्वारा अपने ग्रामीणों के लिए अक्सर बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन करते हैं। अपने इस योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार 2021'संस्थागत' श्रेणी का पुरस्कार ग्राम विकास को प्रदान किया गया।
ग्राम विकास 1979 में एक गैर सरकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका मिशन ग्रामीण समुदायों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना है। यह समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण समुदायों की क्षमताओं के विकास, सामुदायिक संस्थानों को मजबूत करने और संसाधन जुटाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके प्रमुख कार्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी, आजीविका, स्वच्छता, आवास व प्रौद्योगिकी, ग्रामीण संस्थान और शिक्षा शामिल हैं। साथ ही अनौपचारिक शिक्षा एवं प्रौढ़ साक्षरता केन्द्रों के माध्यम से साक्षरता को बढ़ावा देकर आदिवासियों को शराब व्यापारियों एवं शोषक साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने का प्रयास भी किया जा रहा है।
डॉ. योगा श्रीलेश नांबियार को 'व्यक्तिगत'श्रेणी में सत पॉल मित्तल प्रशंसा पुरस्कार 2021 प्रदान किया गया।
डॉ. योगा श्रीलेश नांबियार मानसिक स्वास्थ्य, शास्त्रीय नर्तक, समाज सुधारक और वक्ता में पीएचडी के साथ भारत कीपहलीट्रांसजेंडर हैं।अपने समुदाय के साथ होने वाले भेदभाव को देखते हुए, उन्होंने अपने समुदाय के कल्याण के लिए काम करने और सम्मान का माहौल बनाने का प्रण ले रखा है। पिछले 20 वर्षों में, उन्होंने भारत के ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की वकालत कर समुदाय को सम्मान दिलाने का अथक प्रयास किया है। वे इससे आगे बढ़ते हुए एचआईवी पॉजिटिव यौनकर्मियों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए भी काम कर रहीं हैं।
'संस्थागत'श्रेणी में सत पॉल मित्तल प्रशंसा पुरस्कार 2021लेप्रा सोसायटी को प्रदान किया गया।
लेप्रा सोसाइटी एक गैर-सरकारी संगठन है जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देता है, इस क्षेत्र में नए विकास और कार्यान्वयन की शुरुआत व उसको बढ़ावा देता है। 10 राज्यों में विस्तृत कार्यक्षेत्र में संचालन के साथ, इसके प्रमुखकार्यों में कुष्ठ और लिम्फैटिक फाइलेरिया (एलएफ) शामिल हैं और यह टीबी, एचआईवी / एड्स, नेत्र देखभाल और COVID 19 सम्बन्धी सेवाएं उपलब्ध कराने के क्षेत्र में भी काम करता है। 1989 से, संस्था ने समाज में हाशिए के वर्गों के लिए स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेप्रा सोसाइटी सरकार और हाशिए के समुदायों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भी काम कर रही है ताकि जरूरतमंदों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। यह उनकी अपने उद्देश्य के लिए ईमानदारी से की गई कड़ी मेहनत का प्रमाण है कि सरकार द्वारा लेप्रा सोसायटी को सरकारी क्षेत्र के स्वास्थ्य प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का संचालन करने का दायित्व सौंपा गया है।
विजेताओं को बधाई देते हुए, नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री राकेश भारती मित्तल ने कहा, “नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट में, शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ समाज के वंचित वर्गों का समर्थन करने का हमारा प्रयास है। मैं सभी विजेताओं और आवेदकों को उनके उत्कृष्ट काम के लिए बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि वे दूसरों को समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की दिशा में लगन से काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। इनके द्वारा किए गए परिवर्तनकारी कार्य देश भर के समुदायों में समावेशी विकास को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेंगे।”
श्री मित्तल ने यह भी कहा, "नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट छात्रों के लिए शिक्षा की एक मजबूत नींव बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा ताकि उन्हें करियर के विकास के बेहतर अवसर मिल सकें और समाज में सार्थक योगदान दे सकें।"
मानवता की उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रतिवर्ष 'सत पॉल मित्तल राष्ट्रीय पुरस्कार' और 'सत पॉल मित्तल प्रशंसा पुरस्कार' दिए जाते हैं। हर साल नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, भोजन, आश्रय, गरीबी उन्मूलन, कला, संस्कृति, बाल अधिकार, विकलांग कल्याण और महिला सशक्तिकरण सहित क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए नामांकन आमंत्रित करता है।
इससे पूर्व इस पुरस्कार से डॉ ई श्रीधरन, डॉ एसएस बद्रीनाथ, सुश्री इला आर भट्ट, स्वर्गीय श्री सुनील दत्त, श्री अन्ना हजारे, अक्षय पात्र फाउंडेशन, एसओएस चिल्ड्रन विलेज एंड स्वामी विवेकानंद युवा आंदोलन, नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन फॉर करेक्शन डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन आदि को नवाजा जा चुका है।