लुधियाना / जालंधर, 01 जुलाई 2022 (न्यूज़ टीम): मॉनसून ने देश में दस्तक दे दी है और स्कोडा ऑटो इंडिया में भी रिकॉर्ड्स की बारिश हो रही है। 2018 में शुरू हुई इंडिया 2.0 की कोशिश के चलते कंपनी बिक्री के अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रही है और महीने दर महीने नये रिकॉर्ड बना रही है। जून 2022 में 6,023 स्कोडा को अपना नया घर मिला। यह मार्च 2022 में 5,608 यूनिट्स का एक दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ने के बाद हुआ। वर्ष-दर-वर्ष के हिसाब से जून 2022 ने जून 2021 में बिकीं 734 कारों की तुलना में 721% बढ़ोतरी दर्ज की। सबसे महत्वपूर्ण, स्कोडा ऑटो इंडिया ने 2021 में 23,858 यूनिट्स की वार्षिक बिक्री से ज्यादा बिक्री 2022 की पहली छमाही में ही 28,899 यूनिट्स की बिक्री से दर्ज की है।
स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्राण्ड डायरेक्टर ज़ैक होलिस ने कहा, “हमारे दोनों ही इंडिया 2.0 प्रोडक्ट्स बाजार में एक बेहद चुनौती वाले माहौल में आए थे। वैश्विक महामारी, बार-बार लगे लॉकडाउन, आर्थिक उथल-पुथल, भूराजनैतिक अस्थिरता और अब आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर रही सेमीकंडक्टर की लगातार कमी। इसलिये यह स्कोडा ऑटो इंडिया में हम सभी के लिये एक बेहतरीन उपलब्धि है कि हम बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नये रिकॉर्ड बना रहे हैं। यह हमारी सभी टीमों की निरंतर मेहनत का फल है। न केवल प्रोडक्ट के मामले में, बल्कि ग्राहक संतोष, हमारे नये कस्टमर टचपॉइंट्स की व्यापक और गहरी पहुँच और सर्विस के लिये उपभोक्ता–केन्द्रित कैम्पेनों तक। हमारे डीलर पार्टनर्स भी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और उन्होंने शानदार काम किया है। हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि 2022 भारत में हमारा ‘सबसे बड़ा साल’ बने।”
स्कोडा ऑटो इंडिया 2022 के लिये अनुमानों और लक्ष्यों से आगे निकल चुकी है। पिछले महीने ही कंपनी ने अपने कस्टमर टचपॉइंट्स की संख्या 205 से ज्यादा कर ली है, जो दिसंबर 2021 में 175 थे। कंपनी ने अब 2022 के लिये 250 कस्टमर टचपॉइंट्स का नया लक्ष्य तय किया है, जो पहले 225 टचपॉइंट्स का था। कंपनी की सबसे पुरानी नेमप्लेट और निरंतर उत्पादन में भारत की सबसे ज्यादा चलने वाली कारों में से एक स्कोडा ऑक्टेविया ने हाल ही में 1 लाख का आंकड़ा पार किया है। ऑक्टेविया और सुपर्ब जैसी सेडान अपने सेगमेंट में अग्रणी बनी हुई हैं, इस साल के लिये कोडियाक की बिक्री पूरी हो चुकी है और इंडिया 2.0 की हीरो स्लाविया और कुशाक अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इस तरह, चेक कंपनी भारत में 2 दशकों की विरासत के साथ मजबूती से आगे बढ़ रही है।