जालंधर, 06 अप्रैल, 2023 (न्यूज़ टीम): रोकी गई मांग, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलना और कोविड से संबंधित नवाचार (प्रोटोकॉल) में ढील – इनसे प्रेरणा लेकर 2022 में जालंधर से वीज़ा आवेदन लगभग महामारी से पहले के स्तर तक पहुंच गए। वी.एफ.एस ग्लोबल के अनुसार, 2022 में जालंधर से वीज़ा आवेदन का प्रमाण 2019 के पूर्व-महामारी स्तरों के 90% तक पहुंच गया और 2021 से उसकी तुलना करें तो उसमें 126% की वृद्धि दर्ज कराई गई है।
जालंधर से वीज़ा आवेदन के प्रमाण में वृद्धि की यह प्रवृत्ति भारत में दर्ज समग्र वृद्धि के समान है और यह 2022 में पूर्व-महामारी स्तरों के 80% के भी करीब थी।
प्रबुद्ध सेन, मुख्य परिचालन अधिकारी (दक्षिण एशिया) वी.एफ.एस ग्लोबल ने यह बताया कि, 'भारत से हमें 2022 में बेमिसाल मांग देखने को मिली है, जिसके कारण स्थिर प्रमाण में एक विस्तृत उच्चतम बाहरी देशों (पीक आउटबाउंड) की यात्रा का समय (सीजन) निर्माण हुआ और यह दिसंबर तक देखा गया था। हमें विश्वास हैं कि, गति अधिक बढ़ेगी और इसलिए आवेदकों को यह सलाह दी जाती है कि वे अंतिम पलों में हड़बड़ी से बचने चाहते हैं तो वे अपने वीज़ा के लिए पहले से आवेदन कर दें।
एक और परिभाषित प्रवृत्ति जो यात्रियों के व्यवहार में देखी गई थी। वह थी महामारी के बाद से शुरू हुई व्यक्तिगत सेवा को व्यापक रूप से अपनाना। वीज़ा एट यूअर डोरस्टेप (वी.ए.वाई.डी) जैसी प्रीमियम वैकल्पिक सेवाओं की वजह से यात्री अपनी पसंदीदा स्थान पर पूरा वीज़ा अनुभव बुक कर सकते हैं और इसमें 2022 में साल-दर-साल लगभग 90% की वृद्धि देखी गई। भारत में 16 ग्राहक सरकारों के लिए, जैसे की ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, स्लोवेनिया, स्विट्जरलैंड, यू.के, इनके लिए वी.एफ.एस ग्लोबल वी.ए.वाई.डी की पेशकश कर रही हैं।
सेन ने आगे कहा के, "नए सामान्य में स्वास्थ्य संबंधी विचार एक महत्वपूर्ण निर्धारण घटक बने हुए हैं। फलस्वरूप, हम देख सकते हैं कि यात्रियों की बढ़ती संख्या ऐसी सेवाओं का विकल्प चुनती है जो एक निर्बाध (सहज) वीज़ा अनुभव प्रदान करता हैं और सुरक्षित यात्रा को प्राथमिकता देता हैं।"