लुधियाना, 28 नवंबर, 2023 (न्यूज़ टीम): "कामयाबी उन्हीं को हासिल होती है जिनके पंखों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है।” इसी अदम्य हौंसले और अथक परिश्रम का परिचय देते हुए सत पॉल मित्तल स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपने २० वर्षों के सफर को यादगार बनाने के लिए स्कूल के मित्तल ऑडिटोरियम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम " क्षितिज के पार " का आयोजन किया। जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर भाग लिया। बिना रुके अपने लक्ष्य के प्रति पूर्णनिष्ठ होकर आगे बढ़ते रहना और शिक्षा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करने के २० वर्षों के सफर को नृत्य-गायन द्वारा प्रस्तुत करना अपने आप में एक यादगार अनुभव रहा। इसी शिक्षा के दीप को प्रज्वल्लित करने के लिए जुड़े अंसख्य हाथों और उनके प्रयासों को सराहते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके मुख्यातिथि परनीत सचदेव, आई.आर.अस, प्रधान मुख्य सलाहकार, एक अग्रणी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और एक जानेमाने लेखक हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वल्लन से हुआ जिसके साथ ही वेद मंत्रों के उच्चारण ने वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण कर दिया। " क्षितिज के पार " कार्यक्रम में सत पॉल मित्तल स्कूल के आग़ाज़ से लेकर परवाज़ तक, उड़ान से लेकर सफर तक की यात्रा दिखाई गयी जो एक साहसी नव भारत निर्माण के लिए एक जागृति उत्पन्न करते हुए भारत की अतुल्यता को उसके सामने आने वाली चुनौतियों पर विजय प्राप्त करते हुए वसुधैव कुटुंबकम का सन्देश देता है।
सांस्कृतिक कार्यकम का आरम्भ ईश-वंदना से हुआ। कक्षा ग्यारहवीं के विद्यार्थियों द्वारा वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी गयी। कक्षा दूसरी ए तथा दूसरी सी के बच्चों ने 'इतनी सी हँसी " और "हमने गीत सुनाए " की प्रस्तुति से जीवन में नए सपने देखकर एक नई शुरुवात करने का सन्देश दिया। कक्षा दूसरी बी तथा दूसरी डी के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि ढृढ़ संकल्प और इच्छा -शक्ति के बल पर ही स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नई उड़ान भर पाया। कक्षा पाँचवी डी के बच्चों ने " दीप शिक्षा के " द्वारा बताया कि आज हर क्षेत्र में हमारे सत्यंस काफी अच्छा काम कर रहे हैं। अपनी स्थापना से लेकर अब तक की अपनी शैक्षणिक यात्रा को कक्षा पाँचवी सी के नुक्कड़ नाटक द्वारा प्रस्तुत किया गया। स्कूल बैंड के बच्चों ने गीत-संगीत से भरी मनमोहक प्रस्तुति से वातावरण में नयी ऊर्जा का संचार किया। कक्षा पाँचवी, आठवीं व ग्यारहवीं के बच्चों ने विभिन्न संस्कृतियों की झलक दिखलाते हुए ज़ोरबा, कालिंका, फ्लेमेंको , गुजराती, लावणी, भांगड़ा आदि नृत्यों से दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने सभी बच्चों के कुशल नृत्य - गायन कला की सराहना की। स्कूल की प्रधानाचार्या भूपिंदर गोगिआ ने सभी सत्यंस की शानदार प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कार्यकारी परिषद् के सभी सदस्यों एवं उपस्थित गणमान्य को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।