लुधियाना, 18 मई, 2024 (न्यूज़ टीम): जहाँ एक ओर स्कोडा ऑटो इंडिया ने अपने ऑल-न्यू कॉम्पैक्ट एसयूवी की घोषणा कर दी है और आगामी समय में इसके कई प्रॉडक्ट एक्शन्स जल्द होने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर भारत में अपने नए युग के तहत अपने नेटवर्क और ग्राहकों को मज़बूती देने पर कंपनी लगातार फोकस कर रही है। अपनी डिजिटलाइज़ेशन रणनीति में बढ़ोतरी करने के बाद ब्रांड ने अब डीलरशिप्स, सर्विस सेंटर्स और अन्य कस्टमर टचपॉइंट्स जैसे अपने फिज़िकल एसेट्स में नई कॉर्पोरेट पहचान को लागू करने की घोषणा की है।
इस घोषणा के बारे में बात करते हुए पेट्र जनेबा, ब्रांड डायरेक्टर, स्कोडा ऑटो इंडिया ने कहा: “विश्व स्तरीय कारों के निर्माण के साथ हमारे प्रयासों का फोकस हमारे ग्राहकों, हमारे परिवारों और हमारे प्रशंसकों के लिए एक संपूर्ण, सभी प्रकार से समृद्ध अनुभव पेश करने पर रहा है। डिजिटलाइज़ेशन निश्चित ही उन अनेकों तरीकों में से एक है जिसके ज़रिए हम ग्राहकों तक पहुँचते हैं। जिस तरह हमारी मैसेजिंग के साथ हमारी स्थिरता महत्वपूर्ण है, उसी तरह हमारे ग्राहकों और सभी अन्य हितधारकों के लिए प्रस्तुत की जाने वाली हमारी डिज़ाइन की भाषा, हमारी पहचान और चेहरा उतने ही महत्वपूर्ण हैं। 2023 में हमारे कम्यूनिकेशन और मार्केटिंग में हम लगातार और सोच-विचार कर हमारे ब्रांड की नई कॉर्पोरेट पहचान को लागू करते रहे हैं। अब हम इसे अगले चरण में ले जाने के लिए तैयार हैं जिसमें हमारे डीलरशिप्स और विभिन्न कस्टमर टचपॉइंट्स शामिल हैं।”
सबकुछ समरूपता में
फ्लुईडिटी का संदेश देती गोल आकार और बॉर्डर के साथ कॉम्बिनेशन की मज़बूती प्रदर्शित करने के लिए स्कोडा ऑटो इंडिया की नई स्टाइलिंग और टाइपफेस समरूपता के आधार पर नई टाइपोग्राफी का इस्तेमाल करती है। इसके साथ ही नई कॉर्पोरेट पहचान आधुनिक मज़बूत कथन का ही आगे विस्तार है जो साल 2022 से ब्रांड के डिज़ाइन और एस्थेटिक्स को निर्धारित करता रहा है। इतना ही नहीं, स्कोडा ऑटो की आइकॉनिक विंग्ड एरो इमेजरी की जगह अब स्कोडा वर्डमार्क होगा जो कंपनी के संपूर्ण टचपॉइंट्स में कम्यूनिकेशन और इमेजरी में एक सामंजस्य सुनिश्चित करेगा।
रंगों और लाइट्स के साथ
नई कॉर्पोरेट पहचान के माध्यम से डीलरशिप परिसर में साइनेजेस के लिए यह आजादी संभव होगी कि वे दिन या रात के समय का उपयोग करके इल्यूमिनेशन के टोन में परिवर्तन कर सकते हैं। स्कोडा के सिग्नेचर कलर्स के साथ वैरायटी लेकिन फिर भी एकरूपता बनाए रखते हुए एक समान और मज़बूत लेटरिंग दिन में एमराल्ड ग्रीन और रात में वाइब्रेंट इलेक्ट्रिक ग्रीन को प्रकाशित करती है। इसी एस्थेटिक्स का विस्तार अन्य कस्टमर इंटरफेस कॉम्प्लेक्स के अन्य सूक्ष्म विवरणों में भी दिखाई देता है जैसे कि पायलॉन, डीलर ब्रांडिंग, एंट्रेंस पोर्टल और इसके भीतर की कुछ हाइलाइट दीवारें।
सही मायने में और डिजिटल रूप से आपका
यह बदलाव अपनी पहुंच को बढ़ाने और ग्राहकों के नज़दीक आने के लिए स्कोडा ऑटो इंडिया द्वारा किए गए प्रयासों के तहत नॉन-प्रॉडक्ट विकास और जुड़ाव कार्यक्रमों की श्रृंखला के साथ मेल खाती हैं। साल 2025 की पहली अर्धवार्षिक अवधि में भारत में इसके ऑल-न्यू कॉम्पैक्ट एसयूवी के वर्ल्ड लॉन्च करने की घोषणा के साथ नए युग में ब्रांड के प्रवेश के बाद स्कोडा ऑटो इंडिया ने कई डिजिटलाइज्ड़ रणनीतियाँ लागू की हैं जिसने ग्राहक जुड़ाव में एक प्रकार की क्रांति ला दी है।
इसके पूरी तरह से डिजिटल नाम योर स्कोडा कैम्पेन ने इसके आगामी कॉम्पैक्ट एसयूवी के लिए 2,00,000 से अधिक नाम हासिल किए हैं जिसमें से अब तक 24,000 से अधिक नाम बहुत ही अनोखे हैं। पेश करने के 128 मिनट के भीतर 128 नॉन फंजिबल टोकन (एनएफटी) का अपटेक दर्ज करने के बाद कंपनी के स्कोडावर्स इंडिया प्लैटफॉर्म ने स्कोडा गियरहेड्स मेंबरशिप प्रोग्राम लागू किया जिससे कस्टमर्स और प्रशंसकों को सक्षम बनाया गया ताकि वे प्रीमियम मर्चेंडाइज, वीआईपी सेवा का लाभ ले सकें और अन्य एक्सक्लूसिव फायदे प्राप्त कर सकें। 24 मार्च 2024 को 24 घंटे बिक्री के साथ स्कोडा ऑटो इंडिया ने देश में निगमित किए जाने के 24 वर्ष पूरे किए जिसमें इसके डिजिटल प्लैटफॉर्म के ज़रिए 709 एक्सक्लूसिव बुकिंग्ज़ दर्ज की गईं।
उत्पाद से भी परे लोकलाइज़ेशन
नई कॉर्पोरेट पहचान के साथ अपनी सभी फैसिलिटीज़ में रिब्रांडिंग करने वाला भारत सबसे तेज़ मार्केट बनेगा। इसे लागू किए जाने की शुरूआत हो चुकी है और साइनेजेस स्कोडा ऑटो के वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं, जो विश्व-स्तरीय साइनेज तत्वों के निर्माण में स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ प्रदान करते हैं। साल 2025 में नियोजित नए कॉम्पैक्ट एसयूवी के लॉन्च के समय से पहले सभी कस्टमर टचपॉइंट्स नई कॉर्पोरेट पहचान के साथ तैयार होंगे। यह एक स्थिर ग्राहक यात्रा सुनिश्चित करेगी। सभी डीलर भागीदार रिब्रांडिंग की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं ताकि नई कॉर्पोरेट पहचान को तेज़ी से लागू किया जा सके।