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कॉटन काउंसिल इंटरनेशनल ने भारत-अमेरिका कॉटन व्यापार संबंधों को मज़बूत करने के लिए उद्योग जगत के नेताओं को एकजुट किया

कॉटन काउंसिल इंटरनेशनल ने भारत-अमेरिका कॉटन व्यापार संबंधों को मज़बूत करने के लिए उद्योग जगत के नेताओं को एकजुट किया

लुधियाना, 21 जून, 2024 (न्यूज़ टीम):
कॉटन काउंसिल इंटरनेशनल (सीसीआई)के नेतृत्व मेंआयोजित मीडिया राउंडटेबल ने आजरणनीतिक भारत-अमेरिका कपड़ा व्यापार साझेदारी को बढ़ावा दिया और अमेरिकी कपास को भारतीय स्पिनरों के लिए आयातित कपास मेंसबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में उजागर किया। कल,19 जून को, नई दिल्ली में तीन-भाग मेंआयोजित “कॉटन यूएसएटीएम: अमेरिकी कपास और भारतीय कपड़ा उद्योग के बीच एकता के धागे बुनना” कार्यक्रम में इस साझेदारी केबारेमें और गहराई से चर्चाहोगी।

सीसीआई के एग्ज़ेक्यूटिवडायरेक्टर, ब्रूस एथरले ने कहा, "भारत के कपड़ा उद्योग के 2025 तक बढ़कर350अरब डॉलर तक होजाने का अनुमान है, और भारत अमेरिकी कपास के लिए एक प्रमुख बाजार है, इसलिए हमारे सहयोग कोऔरबढ़ानेके लिए पर्याप्त अवसर हैं।आज हमारी चर्चा में दोनों देशों केबीचवहनीयतरीकों और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में इस साझेदारी के रणनीतिक महत्व पर ज़ोर दिया गया।"

सीसीआई कल अपने कॉटन यूएसएटीएम कार्यक्रम में इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी दूतावास कर्मियों से मुलाकात करेगा और फिर पांच शीर्ष भारतीय कपड़ा विनिर्माताओं, यूएस कॉटन ट्रस्ट प्रोटोकॉल, सुपीमा और अन्य वैश्विक कपास कपड़ा आपूर्ति श्रृंखला के दिग्गजों के साथ मिलकर आपसी हितों के विषयों पर चर्चा करेगा और आगे बढ़ने के लिए सहयोग का मार्ग तैयार करेगा। इस कार्यक्रम में "फैशन और कपड़ा उद्योग में महिलाओं के असर का जश्न मनाने" पर एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा भी होगी।

भारत ने कपड़ा निर्यात में गति पकड़ी है औरमार्च में साल-दर-साल केआधारपर6.91% की वृद्धि दर्ज की है, ऐसेमें2030 तक कपड़ा निर्यात में 100अरबडॉलर के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सहयोगी कार्रवाई और मज़बूत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्गों की आवश्यकता होगी। आज की चर्चा में अमेरिकी कपास और भारतीय हितधारकों के बीच तालमेल के अवसरों पर रोशनी डाली गई और अमेरिका तथा भारत के बीच एक कुशल और लाभदायक साझेदारी के लिए खाका तैयार किया गया, जो भारतीय स्पिनरों, कपड़ा मिलों और निर्माताओं को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सशक्त बनाता है।

सुपीमा के प्रेसिडेंट और सीईओ मार्क लेवकोविट्ज ने कहा, “भारत का प्रभावशाली कपड़ा विनिर्माण परितंत्र विस्तार के अवसरों से उत्साहित है, और सुपीमा में हम इस वृद्धिदर्जकरते उद्योग से पैदा साझेदारी की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं।प्रीमियम गुणवत्ता वाले सत्यापन योग्य सुपीमा® कपास की बढ़ती मांग वैश्विक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करती है।”

भारत और श्रीलंका में सीसीआईके कार्यक्रम प्रतिनिधि,पीयूष नारंग ने कहा, “भारतीय कपड़ा उद्योग के साथ हमारी मूल्यवान साझेदारी दोनों उद्योगों को आगे बढ़ाएगी;अमेरिकी कपास का उपयोग करभारतीय कपड़ा विनिर्माता न केवल वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा कर सकते हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त भी बना सकते हैं। भारतीय कपड़ा विनिर्माता सुंदर परिधान बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अमेरिकी कपास फाइबर का उपयोग कर रहे हैं। साथही, अमेरिकी कपास का उपयोग करनेसेउन्हें कॉटन यूएसएटीएमकेहरतरहके अनुभव का लाभ भी मिलता है - जिसमें आपूर्ति श्रृंखला की संपूर्ण ट्रेसियेबिलिटी, अनोखे कॉटन यूएसए सॉल्यूशंस तकनीकी सेवा कार्यक्रमऔर सेवा, डाटा और इंटेलिजेंस का एक पैकेज शामिल है और ऐसे लाभ किसी और तरह के कपास पर उपलब्ध नहीं हैं।
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